होली रंगों का त्योहार है. रंग हमारे जीवन में खुशियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस साल आज यानी 24 मार्च रविवार के दिन होलिका दहन होगा. होली असत्य पर सत्य की जीत के साथ-साथ एक भक्त की उसके ईष्ट देव के प्रति अटूट श्रद्‌धा और भक्ति को भी दर्शाती है. वहीं इसके उलट दुष्ट प्रकृति के मनुष्य इस समय विभिन्न तंत्र, मंत्र, यंत्र, जादू-टोना इत्यादि खूब करते हैं. क्योंकि इस समय सभी ग्रह उग्र रहते हैं, तो वटकर्म जैसे – मारण, मोहन, सतम्भन, उच्चाइन, विदुषण, वशीकरण बहुत आसानी से तथा तीव्रता के साथ किया जा सकता है. कैसे भगवान नरसिंहा की पूजा कर आप खुद और अपने परिवार को इन तंत्र-मंत्र से बचा सकते हैं.

क्‍या है होलाअष्‍टक
राक्षस राज हिरण्य कश्यप, जो स्वंय को भगवान समझता था, अपने विष्णु भक्त पुत्र प्रहलाद्ध को घोर यातनाएं देकर डराकर, धमकाकर अपने अधीन करना चाहता था. उसने प्रहलाद को आठ दिन घोर यातनाएं दीं. इसी अवधि को होलाष्टक कहा जाता है. यह फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होकर फाल्गुन मास की पूर्णिमा तक माना जाता है. इसका अंत होलिका दहन के साथ हो जाता है. यह समय बहुत उग्र तथा नकारात्मक उर्जा से भरा रहता है. इसलिये मान्यताओं के अनुसार इस समय की भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.

होलिका दहन 2024 का समय (Timing of Holika Dahan)
इस वर्ष 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. इसके लिए शुभ मुहूर्त देर रात 11:13 बजे से लेकर 12:27 मिनट तक रहेगा. ऐसे में होलिका दहन के लिए आपको कुल 1 घंटे 14 मिनट का समय मिलेगा.