भोपाल. ओबीसी आरक्षण पर मध्य प्रदेश में बवाल मच गया है. ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को शहर में जमकर प्रदर्शन किया. कार्यकर्ता एमएलए क्वार्टर पर जमा हुए और नारेबाजी की. जब वे मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया. पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया. भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने एयरपोर्ट पर नजरबंद किया. चंद्रशेखर ओबीसी महासभा के प्रदर्शन में शामिल होने ही भोपाल आ रहे थे.

दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले पर ट्वीट किया- ओबीसी महासभा द्वारा पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर आज भोपाल में प्रदर्शन की पूर्व से ही घोषणा की गई थी. लेकिन पता नही शिवराज सरकार को ओबीसी वर्ग से परहेज क्यों , सरकार उनके दमन पर क्यों उतारू हो गयी है. भाजपा और उससे जुड़े संगठन को तमाम आयोजनों की छूट, लेकिन ओबीसी वर्ग के आयोजन पर रोक? पहले ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों व इस वर्ग के लोगों को नाकेबंदी कर भोपाल आने से रोका गया और अब उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है., उनका दमन किया जा रहा है. आंदोलन को कुचलने का काम किया जा रहा है, उनके साथ मारपीट की जा रही है और यह सब ख़ुद को इस वर्ग की हितैषी बताने वाली सरकार में हो रहा है ? ओबीसी वर्ग, दलित वर्ग, आदिवासी वर्ग का कितना भी दमन कर लो, यह वर्ग अपने हक की मांग को लेकर संघर्ष करता रहेगा, यह डरने – दबने वाला नही है, कांग्रेस इन वर्गों के साथ खड़ी है और इनके हित , उत्थान व कल्याण के लिये हम सदैव संकल्पित हैं.
ओबीसी महासभा के आंदोलन पर प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि लोग राजनीति कर रहे हैं. कांग्रेस के इशारे पर दूसरे संगठनों को जोड़कर प्रदेश का वातावरण खराब किया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया. ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिले इसके लिए प्रदेश सरकार ने देश के बड़े वकील हरीश साल्वे को सुप्रीम कोर्ट में खड़ा किया है. इस पर कल सुनवाई है. केंद्र सरकार भी अभिभावक के  रूप में सुप्रीम कोर्ट में बात रखेगी कि मध्य प्रदेश सरकार को 4 महीने का समय मिले जिससे ओबीसी वर्ग की आर्थिक, सामाजिक की स्थिति की गणना की जा सके. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी पंचायत में आरक्षण मिले, सरकार ने कैबिनेट से ऑर्डिनेंस वापस लिया.