गैरकानूनी धंधे के लिए इमोजी का इस्तेमाल
नई दिल्ली । ऑनलाइन लेनदेन में अब इमोजी का इस्तेमाल अब गैर कानूनी अवैध धंधे के लिए बड़े पैमाने पर होने लगा है। ब्रिटेन की पुलिस ने तो इसके लिए गाइडलाइन जारी की है। सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों से लेकर बड़ों तक इमोजी के सिंबल के माध्यम से ब्रिटेन में गैरकानूनी धंधों को ऑनलाइन किया जा रहा है। सरकार ने इस संबंध में लोगों को चेतावनी दी है।
द सीक्रेट वर्ल्ड ऑफ इमोजी इस नाम से जारी एक गाइडलाइन में कहा गया है कि किस तरह से ड्रग्स कोकीन और सेक्स जैसे गैरकानूनी धंधों के लिए इमोजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। उदाहरण के स्वरूप आंख वाले इमोजी का इस्तेमाल ड्रग्स मछली का इस्तेमाल कोकीन के रूप में सोशल मीडिया में किया जाता है। इसके माध्यम से नशीले पदार्थ बच्चों से लेकर युवाओं तक पहुंचाया जा रहे है। सेक्स के लिए भी इमोजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारत सहित दुनिया के कई देशों में अवैध कारोबार के लिए कोड वर्ड के रूप में इस तरीके से अवैध और गैरकानूनी धंधों को संचालित किया जा रहा है। भारत सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है और ना ही ऑनलाइन और सोशल मीडिया के माध्यम से किए जा रहे अपराधों को रोकने के लिए कोई पहल की जा रही है।
गैरकानूनी धंधे के लिए इमोजी का इस्तेमाल
नई दिल्ली ईएमएस ऑनलाइन लेनदेन में अब इमोजी का इस्तेमाल अब गैर कानूनी अवैध धंधे के लिए बड़े पैमाने पर होने लगा है। ब्रिटेन की पुलिस ने तो इसके लिए गाइडलाइन जारी की है। सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों से लेकर बड़ों तक इमोजी के सिंबल के माध्यम से ब्रिटेन में गैरकानूनी धंधों को ऑनलाइन किया जा रहा है। सरकार ने इस संबंध में लोगों को चेतावनी दी है।
द सीक्रेट वर्ल्ड ऑफ इमोजी इस नाम से जारी एक गाइडलाइन में कहा गया है कि किस तरह से ड्रग्स कोकीन और सेक्स जैसे गैरकानूनी धंधों के लिए इमोजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। उदाहरण के स्वरूप आंख वाले इमोजी का इस्तेमाल ड्रग्स मछली का इस्तेमाल कोकीन के रूप में सोशल मीडिया में किया जाता है। इसके माध्यम से नशीले पदार्थ बच्चों से लेकर युवाओं तक पहुंचाया जा रहे है। सेक्स के लिए भी इमोजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारत सहित दुनिया के कई देशों में अवैध कारोबार के लिए कोड वर्ड के रूप में इस तरीके से अवैध और गैरकानूनी धंधों को संचालित किया जा रहा है। भारत सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है और ना ही ऑनलाइन और सोशल मीडिया के माध्यम से किए जा रहे अपराधों को रोकने के लिए कोई पहल भारत में की जा रही है।